समस्तीपुर रेल मंडल के 15 रेलखंडों पर 100 छठ घाट बनते हैं। इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। ऐसे घाटों पर हमेशा सतर्कता की जरूरत है। ये वैसे घाट हैं जो रेलवे लाइन के एकदम करीब हैं। यहां अर्घ्य के दौरान लोगों को रेलवे लाइन पर खड़ा होना पड़ता है। मुख्यालय स्थित बूढ़ी गंडक के रेल पुल पर बैरिकेडिंग नहीं होने से खतरा बना रहता है। रेलवे लाइन किनारे के बने छठ घाट खतरनाक साबित हो सकते है। अर्घ्य के दौरान उमड़ने वाली भीड़ अनियंत्रित होती है। आतिशबाजी के दौरान भगदड़ होने की भी आशंका बनी रहती है। ट्रेनों की आवाजाही होने से खतरा बढ़ जाता है।
आरपीएफ इंस्पेक्टर और जीआरपी थानाध्यक्ष बल सदस्यों के साथ रेल ट्रैक व समपार फाटक होकर गुजरने वाले छठ घाट का जायजा लिया। इसमें समपार फाटक संख्या 53 ए, बांध स्थित समपार फाटक 5 ए, रेल गंडक पुल और रामभद्रपुर स्थित घाट पर पहुंच कर जांच की। आसपास के लोगों को सतर्क रहने का निर्देश दिया। मंडल सुरक्षा आयुक्त एके लाल ने रेलवे लाइन के समीप विभिन्न घाटों पर आरपीएफ बल सदस्यों को तैनात करने का आदेश दिया है। वर्ष 2016 में समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड के रामभद्रपुर स्टेशन के पास स्थित मोईनघाट पर अर्घ्य के दौरान पांच लोग ट्रेन से कट गए थे। जिसमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई थी। मंडल सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि रामभद्रपुर की घटना को देखते हुए आरपीएफ ने मंडल के 15 रेल खंडों पर ऐसे 100 स्थानों को चिन्हित किया है जहां छठ पूजा होती है। यह सभी घाट रेलवे लाइन के एकदम करीब है। जिस कारण व्रती को रेलवे लाइन पर खड़ा होना पड़ता है। इस बार इन सभी घाटों पर रेलवे कर्मी के अलावा आरपीएफ व आरपीएसएफ की तैनाती होगी। चिन्हित छठ घाटों के बारे में उक्त खंड पर चलने वाली ट्रेनों के चालक को जानकारी दी जाएगी। ताकि घाट के करीब से गुजरने पर चालक लगातार सीटी का प्रयोग कर सके।
इन खंडों पर रेलवे लाइन किनारे होती है छठ पूजा
मंडल सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि समस्तीपुर-दरभंगा, दरभंगा-जयनगर, दरभंगा-सीतामढी, समस्तीपुर- खगड़िया, खगड़िया- मानसी, मानसी-सहरसा, सहरसा- पूर्णिया, मुजफ्फरपुर- सीमातढी, मुजफ्फरपुर- मोतिहारी, मोतिहारी- रक्सौल, रक्सौल- सुगौली, सुगौली- बेतिया, बेतिया-नरकटियागंज, नरकटियागंज- बगहा, मधुबनी- झंझारपुर।
लगातार सीटी का प्रयोग करते हुए गुजरेगी ट्रेन
छठ घाट के समीप होकर गुजरने वाली ट्रेनों के चालक को भी विशेष निर्देश दिया जा रहा है। ट्रेन का परिचालन धीमी गति के साथ ही लगातार सीटी का प्रयोग करने हुए परिचालित किया जाना है।
Input-Dainik Jagran